तेरी आँखों के सिबा - Song Hindi lyrics and Download
यह गाना पुराने सदाबहार गाने मूवी का है। यह गाना फ़िल्म- चिराग़, गीत- मजरूह सुल्तानपुरी, संगीत- मदन मोहन, गायक- मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर । ने गाया है
तेरी आँखों के सिबा Hindi Lyrics
तेरी आँखों के सिवा दुनियाँ में रखा क्या है (२)
ये उठे सुबह चले, ये झुके शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनियाँ में रखा क्या है
पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हँसते हुये
है मेरे ख़्वाबों के क्या क्या नगर इन में बसते हुये
पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हँसते हुये
ये उठे सुबह चले, ये झुके शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनियाँ में रखा क्या है
इन में मेरे आने बाले ज़माने की तसवीर है
चाहत के काजल से लिखी हुई मेरी तक़दीर है
इन में मेरे आने बाले ज़माने की तसवीर है
ये उठे सुबह चले, ये झुके शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनियाँ में रखा क्या है
ये हों कहीं इनका साया मेरे दिल से जाता नहीं
इनके सिवा अब तो कुछ भी नज़र मुझको आता नहीं
ये हों कहीं इनका साया मेरे दिल से जाता नहीं
ये उठे सुबह चले, ये झुके शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले
तेरी आँखों के सिवा दुनियाँ में रखा क्या है
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